“राश्मिरथी, रामधारी सिंह दिनकर द्वारा रचित एक काव्यात्मक अद्वितीयपन्न रहित महाकाव्य है, जो भारतीय महाभारत के प्रमुख पात्र कर्ण की कहानी में डूबता है। कविता के माध्यम से कर्ण के जीवन के जटिल पहलुओं को खोलते हुए, इसने भविष्य, गौरव और बलिदान के विषयों को छूने का प्रयास किया है। दिनकर की पंक्तियाँ कर्ण की भावनाओं, उसकी निष्ठा की जटिलताओं को सुक़ून से बुनती हैं, जिसमें नैतिकता और मानव अस्तित्व के जटिलताओं का भी विचार होता है। राश्मिरथी न केवल पात्रों का चित्रण प्रदान करती है, बल्कि यह धार्मिकता और मानव अस्तित्व की चिंता के रूप में भी सेवा करती है। राश्मिरथी मानव आत्मा की शाश्वत दुविधाओं के साथ गूंथी एक अविरत काव्य श्रद्धांजलि के रूप में खड़ी है।”
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जिन्दिगी बदलनेवाली है मेरे दोस्त
जय हिन्द