Man’s Search For Meaning लेखक Mr. Viktor E. Frankl और उनके साथ हज़ारों नहीं लाखों बंदियों के उन दुःखद अनुभवों का बर्णन हैं | उन्होंने जर्मन के यातना शिविर केँद्र में अपने जीवन और मौत के अनुभव को दुनियाँ के सामने प्रस्तुत किया और यह बताने के प्रयास था की आखिर वो कौन सा कारण था जिसके लिए Mr Frankl मौत से बड़ी यातना सहने के हिम्मत मिली और वो इतने दुःखों के बाद भी वो जीना चाहते थे
मैंने इस बुक को कई बार पड़ा और आगे जब -जब ऐसा अनुभव होगा की मेरे जीवन में दुःख व् पीड़ा है तब तब मैं इस बुक को बार बार पढ़ूँगा, क्यूँकि Mr Frankl ने जो पीड़ा सहा उसके सामने, मेरी नहीं हमसब का दुःख मिलकर भी कुछ भी नहीं हैं |
हमारी टीम ने इस बुक का सारांश अपने से तरीके से किया हैं | जिसमें आपको Mr Frankl के शब्द को चित्र के माध्यम से समझाने का प्रयास किया हैं | हमें उम्मीद के नवजीवन आपके बुक पढ़ने के तरीके को पूरी तरीके से बदलकर रख देगा |
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हमें आशा ही नहीं पूरा विश्वाश है की आपको नवजीवन का नया प्रस्तुतुकरण मजेदार एवं शानदार लगा होगा | यदि आप किसी बुक का सारांश हिंदी या English में चाहते है तो आप comment के माध्यम से बता सकते है | या आप किसी प्रकार का सुझाव कर सलाह देना चाहते तो comment करके बता सकते हैं |
जिन्दिगी बदलनेवाली है मेरे दोस्त
जय हिन्द